महिषी का तारा | Mahishi Ka Tara के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : महिषी का तारा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Taranand Viyogi | Dr. Taranand Viyogi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Taranand Viyogi | इस पुस्तक का कुल साइज 70.4 MB है | पुस्तक में कुल 118 पृष्ठ हैं |नीचे महिषी का तारा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | महिषी का तारा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history, Knowledge
Name of the Book is : Mahishi Ka Tara | This Book is written by Dr. Taranand Viyogi | To Read and Download More Books written by Dr. Taranand Viyogi in Hindi, Please Click : Dr. Taranand Viyogi | The size of this book is 70.4 MB | This Book has 118 Pages | The Download link of the book "Mahishi Ka Tara " is given above, you can downlaod Mahishi Ka Tara from the above link for free | Mahishi Ka Tara is posted under following categories dharm, history, Knowledge |
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सिद्धपीठ महिषी का ज्ञात इतिहास तीन हजार व वर्ष पुराना है। मिथिला का यह एकमात्र क्षेत्र है, पर जहाँ भगवान बुद्ध का आगमन हुआ। स्वयं बुद्ध तौल ने यहाँ उन्नत वैदिक संस्कृति देखी थी। वैदिक सन काल में भी यहाँ विद्यापीठ विद्यमान था। मौर्य को और मौर्योत्तर काल में इसकी महिमा न केवल विद्यमान रही, बल्कि उसका विस्तार ही हुआ। पाल काल की अवधि तो महिषी के इतिहास का स्वर्णयुग है। मैथिलों की पंजी व्यवस्था में महिषी मूल प्रमुखता से विद्यमान रहा। मिथिला-नरेशों ने भी इसकी महिमा बढ़ाने में कोई कोर-कसर न छोड़ी।