युग-युगीन भारतीय कला | Yug Yugin Bhartiya Kala के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : युग-युगीन भारतीय कला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mahesh Chandra Joshi | Mahesh Chandra Joshi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mahesh Chandra Joshi | इस पुस्तक का कुल साइज 7.4 MB है | पुस्तक में कुल 302 पृष्ठ हैं |नीचे युग-युगीन भारतीय कला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | युग-युगीन भारतीय कला पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Yug Yugin Bhartiya Kala | This Book is written by Mahesh Chandra Joshi | To Read and Download More Books written by Mahesh Chandra Joshi in Hindi, Please Click : Mahesh Chandra Joshi | The size of this book is 7.4 MB | This Book has 302 Pages | The Download link of the book " Yug Yugin Bhartiya Kala " is given above, you can downlaod Yug Yugin Bhartiya Kala from the above link for free | Yug Yugin Bhartiya Kala is posted under following categories history |
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कला शब्द के अर्थ का क्षेत्र व्यापक है। कला का स्वभाव गम्भरि एवं मुश्म है। साधारणते कला के अन्तर्गत महित्य और इसके विविध प्रकार काध्य नाटक के या प्रहसन इरिहास आदि सलि कलाएँ मीत वाद्य नृत्य अभिनय चित्रकला क्षुण्णकला अथवा मूर्तिकला म्यापत्य, औद्योगिक पन्ध एवं विभिन्न प्रकार की दस्तकारियां उन्लेखनीय हैं। कला शब्द के व्यापक अर्थ प्रयोग से अन्तर्गत किमी भी कार्यक्षेत्र में प्रवीणता को भी सम्मिलित किया जा सकता है या वक्तव्य की कुशलता व्यवहार की कुशलता तथा प्रभावित करने की क्षमता सामान्यतः कला के अन्तर्गत स्थापत्य अथवा वास्तु चित्रशिल्प एव मूर्तिकला तथा नृत्य सगीत को ही सम्मानित किया जाता है।