उन्हे हम कैसे भूले | Unhe Ham Kaise Bhule के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : उन्हे हम कैसे भूले है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vinod Vibhakar | Vinod Vibhakar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Vinod Vibhakar | इस पुस्तक का कुल साइज 4.4 MB है | पुस्तक में कुल 152 पृष्ठ हैं |नीचे उन्हे हम कैसे भूले का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उन्हे हम कैसे भूले पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Unhe Ham Kaise Bhule | This Book is written by Vinod Vibhakar | To Read and Download More Books written by Vinod Vibhakar in Hindi, Please Click : Vinod Vibhakar | The size of this book is 4.4 MB | This Book has 152 Pages | The Download link of the book "Unhe Ham Kaise Bhule" is given above, you can downlaod Unhe Ham Kaise Bhule from the above link for free | Unhe Ham Kaise Bhule is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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२१ जून, १९७१ का दिन मेरे जीवन का मवसे मनहूम दिन था। इस दिन मेरे सिर से उस दिव्यात्मा का साया उठ गया, जिसने जिन्दगी भर मुझे सवारा मौर जिसके मुसम्कारों के बीच में पला-बढ़ा और जिसने जीवन का हर गरन पीकर भी मुझे कभी किसी बात की कमी न ग्वटकने दी इसलिए जब उनका देहवसान हुआ नो मुझे ऐसी मर्मान्तक पीड़ा हुई. जिसका वर्णन शब्दों से बाहर है। यह जानते हुए भी कि मृत्यु अवश्यंभावी है और हर किसी को एक न एवः दिन अपनी बारी श्राने पर जाना ही पड़ता है, मुझे लगना कि 'अम्मा' को अभी नहीं जाना चाहिए था ।