मध्यभारतीय भाषा-चयन | Madhya Bharatiya Bhasha Chayan

मध्यभारतीय भाषा-चयन |  Madhya Bharatiya Bhasha Chayan

मध्यभारतीय भाषा-चयन | Madhya Bharatiya Bhasha Chayan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मध्यभारतीय भाषा-चयन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Veermani Prasad Upadhyaya | Dr. Veermani Prasad Upadhyaya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 50.0 MB है | पुस्तक में कुल 226 पृष्ठ हैं |नीचे मध्यभारतीय भाषा-चयन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मध्यभारतीय भाषा-चयन पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Madhya Bharatiya Bhasha Chayan | This Book is written by Dr. Veermani Prasad Upadhyaya | To Read and Download More Books written by Dr. Veermani Prasad Upadhyaya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 50.0 MB | This Book has 226 Pages | The Download link of the book " Madhya Bharatiya Bhasha Chayan" is given above, you can downlaod Madhya Bharatiya Bhasha Chayan from the above link for free | Madhya Bharatiya Bhasha Chayan is posted under following categories history |

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पुस्तक का साइज : 50.0 MB
कुल पृष्ठ : 226

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मध्य भारतीय भाषा का सबसे पहला व्याकरण 'प्राकृत प्रकाश' है, जिसके रचयिता वात्तिककार वररुचि से भिन्न है और इनका समय ईस्वी की पहली शताब्दी में निर्धारित किया जाता है। मार्कण्डेय के प्राकृत-सर्वस्व में भरत, शाकल्य और कोहल ये तीन नाम प्राकृत वैयाकरणों के मिलते हैं, किन्तु इनके व्याकरण ने नहीं हैं।

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