प्रबंध-प्रदीप | Prabandh Pradeep के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रबंध-प्रदीप है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Ramratan Bhatnagar | Dr. Ramratan Bhatnagar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Ramratan Bhatnagar | इस पुस्तक का कुल साइज 16.2 MB है | पुस्तक में कुल 242 पृष्ठ हैं |नीचे प्रबंध-प्रदीप का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रबंध-प्रदीप पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Prabandh Pradeep | This Book is written by Dr. Ramratan Bhatnagar | To Read and Download More Books written by Dr. Ramratan Bhatnagar in Hindi, Please Click : Dr. Ramratan Bhatnagar | The size of this book is 16.2 MB | This Book has 242 Pages | The Download link of the book "Prabandh Pradeep" is given above, you can downlaod Prabandh Pradeep from the above link for free | Prabandh Pradeep is posted under following categories Poetry |
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कविता के तीन रूप हमारे सामने हैं। एक है छन्दबद्ध, दूसरा लयात्मक गद्य, तीसरा मुक्त छंद । साधारण जनता कविता का अर्थं छन्द-बद्ध पद ही लगाती है, परन्तु विद्वान विशेष गद्य और मुक्त छंद को भी कविता कहते हैं। यहां हम तीनों के उदाहरण देंगे । कविता के छंद-पद्ध, रूप से हम पूर्णतयः परिचित हैं। संसार का अधिकांश काव्य छंद-बद्ध ही है। कदाचिन् छंदबद्ध कविता का उदाहरण देने की आवश्यकता नही है । परन्तु मुक्त छंद और गद्यगीत नई श्रेणी के काव्य है और उनका प्रचार उन्नीसवीं शताब्दी से पहले नही था । मुक्त छंद के उदाहरण में हम 'निराला' की ये पंक्तियाँ ले सकते हैं