प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद | Prachin Bharat Ke Kalatmak Vinod के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | Acharya Hazari Prasad Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | इस पुस्तक का कुल साइज 6 MB है | पुस्तक में कुल 184 पृष्ठ हैं |नीचे प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Prachin Bharat Ke Kalatmak Vinod | This Book is written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi | To Read and Download More Books written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi in Hindi, Please Click : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | The size of this book is 6 MB | This Book has 184 Pages | The Download link of the book "Prachin Bharat Ke Kalatmak Vinod" is given above, you can downlaod Prachin Bharat Ke Kalatmak Vinod from the above link for free | Prachin Bharat Ke Kalatmak Vinod is posted under following categories history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
इसमें तो कोई मन्देह ही नही कि सन् ईसबीके पूर्व इस प्रकारका साहित्य प्रचुर मात्रा में विद्यमान था। भरतके नाट्य-शास्त्रमें, नृत्य, नाट्य अटिका जैसा सुसंबद्ध विश्लेषण है और नाट्य रूढ़ियोंकी जैमी सुविस्तृत सूची प्राप्त है वह इस बात का पका प्रमाण है कि भरत मुनिको इस श्रेणीका बहुत विशाल साहित्य ज्ञात था। प्राचीनतर साहित्यसे इस बातका पर्याप्त प्रमाण भी मिल जाती है।