चलते-फिरते | Chalate-Firate के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : चलते-फिरते है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gijubhai | Gijubhai की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gijubhai | इस पुस्तक का कुल साइज 3 MB है | पुस्तक में कुल 62 पृष्ठ हैं |नीचे चलते-फिरते का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | चलते-फिरते पुस्तक की श्रेणियां हैं : Social
Name of the Book is : Chalate-Firate | This Book is written by Gijubhai | To Read and Download More Books written by Gijubhai in Hindi, Please Click : Gijubhai | The size of this book is 3 MB | This Book has 62 Pages | The Download link of the book "Chalate-Firate " is given above, you can downlaod Chalate-Firate from the above link for free | Chalate-Firate is posted under following categories Social |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
हमारे साथियों ने जब यहाँ पर सन् 1954 में अभिनव बालभारती नामक संस्था स्थापित की थी, तभी मेरे जेहन में बाल शिक्षण के साथ ही साथ अध्यापकों को प्रशिक्षण देने का विचार भी उठ रहा था, बल्कि अभिभावकों द्वारा प्रशिक्षण लेने का विचार भी मेरे मन में बहुत प्रबल था। मैं सौभाग्यशाली रहा कि एक बार कलकत्ते में मुझे प्रख्यात बाल-शिक्षाविद् स्व. के. यू. भामरा से प्रशिक्षण लेने का अवसर मिला, सन् 1958-59 में। उस प्रशिक्षण ने मेरे इस चिंतन की दिशा को और भी पुष्ट कर दिया कि बाल-शिक्षण के लिए अध्यापकों का ही नहीं, माता-पिताओं का भी नजरिया बदलना जरूरी है।