प्रबुध्द यामुन | Prabuddh Yamun के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रबुध्द यामुन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Dulare Lal Bhargav | Shri Dulare Lal Bhargav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Dulare Lal Bhargav | इस पुस्तक का कुल साइज 08.71 MB है | पुस्तक में कुल 186 पृष्ठ हैं |नीचे प्रबुध्द यामुन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रबुध्द यामुन पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy
Name of the Book is : Prabuddh Yamun | This Book is written by Shri Dulare Lal Bhargav | To Read and Download More Books written by Shri Dulare Lal Bhargav in Hindi, Please Click : Shri Dulare Lal Bhargav | The size of this book is 08.71 MB | This Book has 186 Pages | The Download link of the book "Prabuddh Yamun" is given above, you can downlaod Prabuddh Yamun from the above link for free | Prabuddh Yamun is posted under following categories comedy |
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हरे-हरे ' हृद्य-हीन अहेरी इन भोले-भाले, ठुमक-ठुमककर चलनेवाले नन्हे-नन्हे बच्चों को भी नहीं छोड़ते उन क्रूरों के धनुष की कठोर प्रत्यंचा, आश्चर्य है, इनकी दूध की धाई सरल चितवन के आगे उतर नहीं जाती ! इन सहज-सुकुमार अछूती कलियों को जाल में फंसाकर कुचलने के लिये निर्दय बहेलियों के हाथ कैसे बढ़ते होंगे हिंसक लोग कदाचित् विचार-शून्य होते हैं; नहीं तो केवल वीणा-नाद् पर मुग्ध होनेवाले मृगों के साथ विश्वासघात करने में क्यों तत्पर हों |