दोहावली : गीता प्रेस | Dohavali : Geeta Press के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दोहावली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Geeta Press | Geeta Press की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Geeta Press | इस पुस्तक का कुल साइज 5.6 MB है | पुस्तक में कुल 195 पृष्ठ हैं |नीचे दोहावली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दोहावली पुस्तक की श्रेणियां हैं : gita-press, Poetry
Name of the Book is : Dohavali | This Book is written by Geeta Press | To Read and Download More Books written by Geeta Press in Hindi, Please Click : Geeta Press | The size of this book is 5.6 MB | This Book has 195 Pages | The Download link of the book " Dohavali" is given above, you can downlaod Dohavali from the above link for free | Dohavali is posted under following categories gita-press, Poetry |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मकर उरग दादुर कमठ जल जीवन जल गेह। तुलसी एकै मीन को है साँचिलो सनेह ॥३१६॥
भावार्थ—तुलसीदासजी कहते हैं कि मगर, पानीफे सांप, मेढक और कछुए आदि जलचर जीवोका भी जल ही जीवन है और जल ही घर है, परतु जलके साथ सच्चा प्रेम तो एक मछलीका ही है। (और सब जीव जलके विना स्थलपर भी जीवित रह जाते है, परंतु मछली तो जलका वियोग होते ही प्राण त्याग फर देती है) ॥ ३१८ ।।
I am glad that there are many people who continue serving there country differently.
नमस्कार !!अती उत्तम सुंदर प्रशंसनीय कायॆ ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ *****धन्यवाद ॐ卐ॐ卐ॐ卐
Aapse request h aap shuka sanhita,vasistha sanhita,hanumat sanhita ko bhi upload kijiye. Dhanyabad
धर्म प्रचार का सुन्दर साधन
Yes