गाथा तिस्ता पार की : देवेश राय | Gatha Tista Paar Ki : Devesh Rai के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गाथा तिस्ता पार की है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Devesh Rai | Devesh Rai की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Devesh Rai | इस पुस्तक का कुल साइज 55.3 MB है | पुस्तक में कुल 778 पृष्ठ हैं |नीचे गाथा तिस्ता पार की का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गाथा तिस्ता पार की पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Gatha Tista Paar Ki | This Book is written by Devesh Rai | To Read and Download More Books written by Devesh Rai in Hindi, Please Click : Devesh Rai | The size of this book is 55.3 MB | This Book has 778 Pages | The Download link of the book "Gatha Tista Paar Ki" is given above, you can downlaod Gatha Tista Paar Ki from the above link for free | Gatha Tista Paar Ki is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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हाट के रास्ते
एक ही हाट में दो माइनबोएं जा रहे है-माधारणतया रामा देखा नहीं जाना। एक T: चिा-चोड़ा, नन्दा र नया-मा। पीले रंग पर काने से, जैसा कि सरकारी साइनवाई होता है, मान-मोहर लगा हुआ, 'कृत्रिम गो-प्रजनन केंद्र' और भी बहुत कुछ। उमें लेकर चलने में आदमी को चान कट हो रहा है। वह उसे झुन्नाकर ने जाता=पर इससे साइथाई के गझ पर धिमने का इ था। बगल में भी दो-क बार उठा लेना ना तिर हर कही में निकलने में परेशानी होनी। आश्विरकार उसने सिर पर ग्ग्छ। लिया। पी मयम मुविधाजनक लगा । एक हाथ से मिर पर रखें साइनबोई को थाम
भी दूसरे हाथ में प्लास्टिक का एक जोड़ा जूता-जिसे पीछे छोड़ आये झरने को पार करनै समय खनिना पड़ा था। मामने पदल और फिर फेरी से पार होने वाली और भी नदियां धी-तीन-चार । नाइलॉन की पर घुटने तक त:7 मोड़ी हुई।