अमर गाथा | Amar Gatha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अमर गाथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Tulsi | Acharya Tulsi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Tulsi | इस पुस्तक का कुल साइज 8.1 MB है | पुस्तक में कुल 296 पृष्ठ हैं |नीचे अमर गाथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अमर गाथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Amar Gatha | This Book is written by Acharya Tulsi | To Read and Download More Books written by Acharya Tulsi in Hindi, Please Click : Acharya Tulsi | The size of this book is 8.1 MB | This Book has 296 Pages | The Download link of the book "Amar Gatha" is given above, you can downlaod Amar Gatha from the above link for free | Amar Gatha is posted under following categories dharm, hindu |
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जयाचार्य मे मति, बुद्धि और प्रज्ञा की त्रिवेणी प्रवाहित थी । केवल मनन और केवल बुद्धि यथार्थता का स्पर्श करती है पर उसके पार तक नहीं पहुंच पाती। पार-दर्शन का माध्यम है। अन्तर्दृष्टि या प्रशा। जयाचार्य ने अपनी प्रज्ञा से सत्य का अनुभव किया और उसे वाडमय मे नियोजित किया। उनकी अन्तर् भाषा है प्रज्ञा और बाहर की भाषा है राजस्थानी । उन्होने बहुतलिखा। सत्य को वहुत अभिव्यक्ति दी । कोई भी व्यक्ति जितना जानता है उतना उसे अभिव्यक्त नही कर पाता। अनुभूति और अभिव्यक्ति—ये दो स्तर भिन्न-भिन्न है। जयाचार्य की अनुभूति प्रबल थी, इसलिए अभिव्यक्ति में भी प्रबलता आ गई। अब तक उनकी वाणी बहुत कम प्रकाश में आई थी।