हिंदी-काव्य-शास्त्र | Hindi-Kavya-Shastra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिंदी-काव्य-शास्त्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Shantilal Jain | Acharya Shantilal Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Shantilal Jain | इस पुस्तक का कुल साइज 14 MB है | पुस्तक में कुल 258 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी-काव्य-शास्त्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी-काव्य-शास्त्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Hindi-Kavya-Shastra | This Book is written by Acharya Shantilal Jain | To Read and Download More Books written by Acharya Shantilal Jain in Hindi, Please Click : Acharya Shantilal Jain | The size of this book is 14 MB | This Book has 258 Pages | The Download link of the book "Hindi-Kavya-Shastra " is given above, you can downlaod Hindi-Kavya-Shastra from the above link for free | Hindi-Kavya-Shastra is posted under following categories literature |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
काव्य की अलौकिकता का श्रानंद प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि काव्य-शास्त्र-संबंधी ग्रंथ का अध्ययन किया जाय न तो कवि-कर्मकुशल व्यक्ति के लिए और न पाठक के लिए काव्य-शास्त्र का मर्मज्ञ होना नितांत आवश्यक है । तब भी काव्य के शास्त्रीय सिद्धान्तों, उसके स्वरूप, गुण, दोष आदि का ज्ञान प्राप्त करना दोनों के लिए नितान्त आवश्यक है । काव्य के निर्माण और पारायण में सद्-असद का विचार लक्षण ग्रन्थों के माध्यम द्वारा ही हो सकता है । काम्प जैसे रसपूर्ण और साथ ही जटिल विषय को भलीभॉति समझने-समझाने के लिए काव्य-कला-कोविदत्व और विशद विद्वत्ता अपेक्षित है।