कल्याण श्रीभगवत कृपा अंक | Kalyan Sribhagvatkripa Ank के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कल्याण श्रीभगवत कृपा अंक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Ramsukh Das Ji | Swami Ramsukh Das Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Swami Ramsukh Das Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 36.25 MB है | पुस्तक में कुल 563 पृष्ठ हैं |नीचे कल्याण श्रीभगवत कृपा अंक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कल्याण श्रीभगवत कृपा अंक पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays, Knowledge
Name of the Book is : Kalyan Sribhagvatkripa Ank | This Book is written by Swami Ramsukh Das Ji | To Read and Download More Books written by Swami Ramsukh Das Ji in Hindi, Please Click : Swami Ramsukh Das Ji | The size of this book is 36.25 MB | This Book has 563 Pages | The Download link of the book "Kalyan Sribhagvatkripa Ank" is given above, you can downlaod Kalyan Sribhagvatkripa Ank from the above link for free | Kalyan Sribhagvatkripa Ank is posted under following categories Stories, Novels & Plays, Knowledge |
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श्री.गवद्गीता और श्रीरामचरितमानस विश्व-साहित्य अमूल्य रत्न हैं। दोनों ही ऐसे प्रासादिक एवं आशीर्वादात्मक ग्रन्थ हैं, जिनके पठन-पाठन एवं गननसे मनुष्य लोक-परलोक दोनोंमें अपना कल्याण कर सकता है । इन खाध्यायमें वर्ण, आश्रम, जाति, अवस्था आदिकी कोई बाधा नहीं है । आजके नाना भयोंसे आक्रान्त भोग-नमसान्न समयमें तो इन दिव्य ग्रन्थोंके पाठ और प्रचारकी अत्यधिक आवश्यकता है । धर्मप्राण जनताको इन मङ्गलमय ग्रन्में प्रतिपादित सिद्धान्तों एवं विचारोंका अधिकाधिक लाभ पहुँचानेके सदुद्देश्यसे गीतारामायग-प्रचार-संवर्क स्थापना व गया है ।