नेपाल यात्रा | Nepal Yatra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : नेपाल यात्रा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Tripitikacharya | Tripitikacharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Tripitikacharya | इस पुस्तक का कुल साइज 8.7 MB है | पुस्तक में कुल 293 पृष्ठ हैं |नीचे नेपाल यात्रा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नेपाल यात्रा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge
Name of the Book is : Nepal Yatra | This Book is written by Tripitikacharya | To Read and Download More Books written by Tripitikacharya in Hindi, Please Click : Tripitikacharya | The size of this book is 8.7 MB | This Book has 293 Pages | The Download link of the book "Nepal Yatra" is given above, you can downlaod Nepal Yatra from the above link for free | Nepal Yatra is posted under following categories Knowledge |
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दूसरे दिन प्रातः का हाथ-मुँह धोकर बस द्वारा कोल्हुछा गए जहाँ अक-स्तं न है । अशोक-स्तंभ एक बार बाबा की ठाकुर-बाड़ी के भीतर है । इसे लोग भीम सेन की ला' कहते हैं । ई ३१ फट ६ इन ऊ चा है। इसका बहुत बड़ा हिस्सा ङ्गमन में धंसा हुया है। जनरल कनिघम ने १४ फ़ीट की गहराई तक इने चंदवाय या, अर इसे उम प्रकार चिकना पाया था, जैत ऊपर है । स्तंभ के ऊपरी भाग में उत्तर दिशा की और मुंह करके बैठा हुया एक साढे चार ऊँचा भिइ है। सन का शिरोभाग घंटानुमा हैं । तिइ के साथ स्तंभ की पूरी चाई ३० फीट से भी अधिक है।