अभ्यास योग | Abhyas Yog

अभ्यास योग | Abhyas Yog

अभ्यास योग | Abhyas Yog

अभ्यास योग | Abhyas Yog के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अभ्यास योग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jwala Prasad Tripathi | Jwala Prasad Tripathi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5.54 MB है | पुस्तक में कुल 341 पृष्ठ हैं |नीचे अभ्यास योग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अभ्यास योग पुस्तक की श्रेणियां हैं : health, Knowledge

Name of the Book is : Abhyas Yog | This Book is written by Jwala Prasad Tripathi | To Read and Download More Books written by Jwala Prasad Tripathi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5.54 MB | This Book has 341 Pages | The Download link of the book "Abhyas Yog" is given above, you can downlaod Abhyas Yog from the above link for free | Abhyas Yog is posted under following categories health, Knowledge |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 5.54 MB
कुल पृष्ठ : 341

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

मन का सन्तोष वास्तव में दैववाद पर ही निर्भर नहीं रहता। मनुष्य के भीतर जब कोई आकांक्षा जाग उठती है तो उसे निवृत्त करने के केवल दो उपाय हैं। एक तो उपमोग्य विपय का भौग करना और दूसरे उसके क्षण-स्थायित्व और असार परिणाम पर विचार करके उससे निवृत्त रहना। यह दूसरा मार्ग ही भारतवर्ष के ऋषियों का मार्ग है। स्थायी रूप से भोग की वासना इसीसे निवृत्त हो सकती है। पहिले उपाय से वासना की क्षणिक तृप्ति होने पर भी उसका कोई स्थायी फल नहीं मिलता। इसीलिये भारतीय ऋपियों को यह उपदेश है कि मनचाहे उपभोग्य वस्तुओं के पीछे दौड़ कर जीवन को व्यर्थ करने से कोई लाभ नहीं। भोग्य वस्तु का यथार्थ-स्वरूप समझ कर उससे निवृत्त होना ही बुद्धिमानी है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *