अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ | Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth

अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ | Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth

अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ | Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth

अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ | Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Maharishi Vagbhata | Maharishi Vagbhata की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 72.9 MB है | पुस्तक में कुल 387 पृष्ठ हैं |नीचे अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अष्टांगहृदयम् आयुर्वेद ग्रंथ पुस्तक की श्रेणियां हैं : health, ayurveda

Name of the Book is : Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth | This Book is written by Maharishi Vagbhata | To Read and Download More Books written by Maharishi Vagbhata in Hindi, Please Click : | The size of this book is 72.9 MB | This Book has 387 Pages | The Download link of the book "Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth " is given above, you can downlaod Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth from the above link for free | Ashtanga Hridayam Ayurveda Granth is posted under following categories health, ayurveda |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 72.9 MB
कुल पृष्ठ : 387

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चरक-सुश्रुत संहिताओं की मान्यता अपने-अपने स्थान पर प्राचीनकाल से अद्यावधि अक्षुण्ण चली आ रही है। अतएव इनका पठन-पाठन तथा कर्माभ्यास भी होता आ रहा है। यह भी सत्य है कि पुनर्वस आत्रेय तथा भगवान् धन्वन्तरि के उपदेशों के संग्रहरूप उक्त संहिताओं में जो लिखा है, वह अपने-अपने क्षेत्र के भीतर आप्त तथा आर्ष वचनों की चहारदिवारी तक सीमित होकर रह गया है तथा उक्त महर्षियों ने पराधिकार में हस्तक्षेप न करने की प्रतिज्ञा कर रखी थी। यह उक्त संहिताकारों का अपना-अपना उज्ज्वल चरित्र था। महर्षि अग्निवेश प्रणीत कायचिकित्सा का नाम चरकसंहिता और भगवान् धन्वन्तरि द्वारा उपदिष्ट शल्यतन्त्र का नाम सुश्रुतसंहिता है। ये दोनों ही आयुर्वेदशास्त्र की धरोहर एवं अक्षयनिधि हैं। उन-उन आचार्यों द्वारा इनमें समाविष्ट विषय-विशेष आयुर्वेदशास्त्र के जीवातु हैं, अतएव ये संहिताएँ समाज की परम उपकारक हैं।

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30 Comments

    • डिअर राहुल गाँधी जी
      खरीद कर किताब पढो
      मै ने भी खरीद कर पढ़ी
      जय श्री राम
      शुभकामनायें सहित
      अखिलेश यादव

  1. बहुत बहुत साधुवाद, आपका हार्दिक आभार जो पुस्तक अभी प्रकाशित नहीं हो रही है उनका संकलन करना एक सराहनीय प्रयास है। ईश्वर आपको दीर्घायु करे और आप इसी तरह हमारी प्राचीन धरोहरों को सहेजने का कार्य करते रहे।

  2. आपकी पुस्तक में थोड़ा समझने में कठिन हे। मुझे सूत्रों को समझने दिक्कत हो रही है। लेकिन आपका प्रयास सराहनीय है।

  3. आप भारत की धरोहर को ऐसे ही जीवंत रखिये. ईश्वर आपको अच्छी सेहत और दीर्घ आयु प्रदान करे.
    ओम नमः शिवाय

    • आप की भांति सभी पाठकगण इसी प्रकार अपना स्नेह एवं आशीर्वाद बनाएं रखें |
      धन्यवाद

  4. Mujhe suchi me se kuch kitane chahiye..ye mujhe kaise milegi..kya post dwara ghar par prapt ho sakti hai…

  5. Mujhe ashtang hridyam aur mansik aarogya pustak ki hard copy chahiye..kaise prapt ho payegi ? Kripya batane ka kast karein

  6. पुस्तक चाहिए मुझे इसकी मिल सकती है क्या

  7. बहुत बहुत धन्यवाद ourहिंदी.com की पूरी टीम को जिनके अथक प्रयास से आज यह दुर्लभ ग्रन्थ जन सामान्य तक सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो पा रहा है।

  8. Good Morning Sir.
    I want to know if the marathi version of this book is available?

    God bless you and your team.

    Can I have your mobile number please.

  9. ATTENTION: Please note that in this Ashtang Hradayam book, only “Sutra-sthan” is covered. We request you to please provide all “-sthan” vide “Sharir-Sthan”, “Nidan-Sthan”, “Chikitsa-Sthan”, “Kalp-Sthan” and “Uttar-Tantra”. This all becomes together and then the complete ASHTANG HRADAYAM begins…

  10. कृपया ( तिब्बत का रहस्यमय योग व अलौकिक ज्ञानगंज) पुस्तक अपलोड करें। धन्यवाद..

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