अंक विद्या ज्योतिष | Ank vidya jyotish

अंक विद्या ज्योतिष | Ank vidya jyotish

अंक विद्या ज्योतिष | Ank vidya jyotish

अंक विद्या ज्योतिष | Ank vidya jyotish के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अंक विद्या ज्योतिष है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gopesh Kumar Ojha | Gopesh Kumar Ojha की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6.03 MB है | पुस्तक में कुल 190 पृष्ठ हैं |नीचे अंक विद्या ज्योतिष का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अंक विद्या ज्योतिष पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish, Knowledge

Name of the Book is : Ank vidya jyotish | This Book is written by Gopesh Kumar Ojha | To Read and Download More Books written by Gopesh Kumar Ojha in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6.03 MB | This Book has 190 Pages | The Download link of the book "Ank vidya jyotish" is given above, you can downlaod Ank vidya jyotish from the above link for free | Ank vidya jyotish is posted under following categories jyotish, Knowledge |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 6.03 MB
कुल पृष्ठ : 190

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प्राय इस भविष्य ज्ञान की प्राप्ति ज्योतिप शास्त्र के द्वारा होती है। ज्योतिप शास्त्र अथाह सागर है। जन्म-कुण्डली निर्माण के लिये, जन्म का स्थान, ठीक समय का ज्ञान आदि परमावश्यक है । शुद्ध लग्न, भाव-स्पष्ट, ग्रह स्पष्ट, मान्दि स्पष्ट, मित्रामित्रचक्र, सप्तवर्गी चक्र, दशवर्ग, दशा, अन्तर्दशा, अष्टक वर्ग, सर्वाष्टक वर्ग आदि बनाने में बहुत गणित करना पड़ता है, और परिश्रम साध्य है। फलादेश में भी अनेक विचारो का सामञ्जस्य करना पडता है । वृहत् ज्योतिष शास्त्र की परिक्रमा लगाना वैसा ही कठिन है जैसा पृथ्वी की परिक्रमा लगाना।।
पृथ्वी की परिक्रमा के सम्बन्ध में पुराणो मे एक कथा है कि एक बार स्वामी कार्तिक तथा गणेश जी दोनो ने आग्रह किया कि उनका विवाह हो । स्वामी कार्तिक चाहते थे पहिले उनका विवाह हो तथा गणेश जी चाहते थे पहिले उनको विवाह तव उनके माता-पिता ने कहा कि जो पहिले पृथ्वी की परिक्रमा पूर्ण कर आवेगा उसी का विवाह पहिले किया जावेगा।

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