देवकी का बेटा | Devki ka Beta

देवकी का बेटा | Devki ka Beta

देवकी का बेटा | Devki ka Beta के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : देवकी का बेटा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rangeya Raghav | Rangeya Raghav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.49 MB है | पुस्तक में कुल 167 पृष्ठ हैं |नीचे देवकी का बेटा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | देवकी का बेटा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Devki ka Beta | This Book is written by Rangeya Raghav | To Read and Download More Books written by Rangeya Raghav in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.49 MB | This Book has 167 Pages | The Download link of the book "Devki ka Beta" is given above, you can downlaod Devki ka Beta from the above link for free | Devki ka Beta is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 2.49 MB
कुल पृष्ठ : 167

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विद्वानों का मत है कि कृष्ण का गोपाल रूप आभीरों से आया है। तभी राधा का नाम 'आराधन' से निकला है। पञ्चरात्र की उपासना पद्धति के साथ कृष्ण का वासुदेव रूप आया । यह तो सच है कि कृष्ण के समय के बहुत वाद ही कृष्ण-चरित्र लिखा गया है त मी उसके साथ चमत्कार जुड़ गए हैं। परन्तु कृष्ण कोई साधारण व्यक्ति नहीं था। वह गोपों में पला था। वैसे वृष्णि यादव क्षत्रिय था । कृष्ण का जीवन प्रारंभ से ही संकटों में कटा था। बाद में कृष्ण का चरित्र विकास ही करता गया।

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