अयोध्या का इतिहास | Ayodhya Ka Etihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अयोध्या का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Lala Sitaram | Lala Sitaram की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Lala Sitaram | इस पुस्तक का कुल साइज 38.62 MB है | पुस्तक में कुल 304 पृष्ठ हैं |नीचे अयोध्या का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अयोध्या का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Ayodhya Ka Etihas | This Book is written by Lala Sitaram | To Read and Download More Books written by Lala Sitaram in Hindi, Please Click : Lala Sitaram | The size of this book is 38.62 MB | This Book has 304 Pages | The Download link of the book " Ayodhya Ka Etihas" is given above, you can downlaod Ayodhya Ka Etihas from the above link for free | Ayodhya Ka Etihas is posted under following categories history |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
अयोध्या जिसे अवध और साकेत भी कहते हैं अत्यन्त प्राचीन नगर है। यह पहिले उत्तरकोशल की राजधानी थी जिसमें “सुख समृद्धि के साथ हिन्दू लोग जिस वस्तु की आकांक्षा करते या जिसका आदर सम्मान करते हैं वह सब प्राप्त हो चुका था जैसा कि अब मिलना असम्भव है। और जो उस तेजधारी राजवंश का निवासस्थान था जो सूर्यदेव से उत्पन्न हुआ और जिसमें ६० निर्दोष शासकों के पीछे मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र का अवतार हुआ। इस वीर के ऐतिहासिक समालोचना पीछे से मनुष्य की कल्पना को सर्वोत्तम निसर्ग सिद्ध करे या अर्द्धऐतिहासिक स्थान दे, इस पर विचार करना व्यर्थ है। इतिहास का उस प्रभाव से सम्बन्ध है जो इनके चरित्र को इस बड़ी आर्यजाति के सामाजिक और धार्मिक विश्वास पर है और इतिहास यह भी देखता है कि इनकी जन्म-भूमि की यात्रा का बड़ी श्रद्धा और भक्ति से यात्रियों की ऐसी भीड़ आती है