दरिद्र कथा | Daridra Katha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दरिद्र कथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Chandrashekhar Shastri | Chandrashekhar Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Chandrashekhar Shastri | इस पुस्तक का कुल साइज 02.0 MB है | पुस्तक में कुल 98 पृष्ठ हैं |नीचे दरिद्र कथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दरिद्र कथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays, Knowledge
Name of the Book is : Daridra Katha | This Book is written by Chandrashekhar Shastri | To Read and Download More Books written by Chandrashekhar Shastri in Hindi, Please Click : Chandrashekhar Shastri | The size of this book is 02.0 MB | This Book has 98 Pages | The Download link of the book " Daridra Katha " is given above, you can downlaod Daridra Katha from the above link for free | Daridra Katha is posted under following categories Stories, Novels & Plays, Knowledge |
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भगवान् बुद्धदेवने राज्य छोड़ दिया, राज्यमुखको त्याग कर वे वनको चले गये। महाराणा प्रतापने अकवरकी मित्रता तुच्छ समझी, जिस कारण उन्हें जङ्गलोमे भटकना पडा। गुरु गोविन्द सिह, लो० तिलक, महात्मा गान्धी आदि पुरुषपुङ्गवोने धनी होनेकी लालसा कभी नही की। योग्यता थी, अवसर था, चाहते धनी हो सकते थे, पर धनी होनेकी उन्होने कामना तक न की। इसी प्रकार गेरीवाल्डी, मेसिनी, रोमीली, हावर्ड, वाल्स, विलियम टेल आदि अनेक पुरुपोने पश्चिमके देशोमे भी दरिद्र रहनेकी आकाक्षा प्रकट की है।