प्रेम पूर्णिमा | Prem Purnima के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रेम पूर्णिमा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Munshi Premchand | Munshi Premchand की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Munshi Premchand | इस पुस्तक का कुल साइज 13.24 MB है | पुस्तक में कुल 219 पृष्ठ हैं |नीचे प्रेम पूर्णिमा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रेम पूर्णिमा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Prem Purnima | This Book is written by Munshi Premchand | To Read and Download More Books written by Munshi Premchand in Hindi, Please Click : Munshi Premchand | The size of this book is 13.24 MB | This Book has 219 Pages | The Download link of the book "Prem Purnima" is given above, you can downlaod Prem Purnima from the above link for free | Prem Purnima is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
प्रेम पूर्णिमामें प्रेमचन्द जीकी पन्द्रह चुनी हुई गल्पे हैं। इनका गुण दोष दिग्दर्शन प्रकाशककी वर्णन शक्तिसे परे है। हाँ, इतना निस्संकोच कहा जा सकता है कि भारतकी अत्युन्नत,भाषाओं में भी इससे अच्छी गरूपे बहुत कम हैं। बङ्गभाषाका साहित्य गल्पों और उपन्यासोंके नाते विशेष सम्पन्न गिना जाता है पर उसमें भी ऐसी अच्छी गल्पे लिखनेवाले एक दो ही हैं। यह हमारी कपोल कल्पना नही, बङ्गभाषाके वर्त्तमान उपन्यास सम्राट प्रसिद्ध गल्प लेखक श्रीशरच्चन्द्र चट्टोपाध्याय महाशयकी सच्ची राय है।