खच्चर और आदमी हिंदी पुस्तक पीडीऍफ़ में | Khachchar Aur Admi hindi book in pdf

खच्चर और आदमी हिंदी पुस्तक  पीडीऍफ़ में | Khachchar Aur Admi hindi book in pdf

खच्चर और आदमी हिंदी पुस्तक पीडीऍफ़ में | Khachchar Aur Admi hindi book in pdf के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : खच्चर और आदमी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yashpal | Yashpal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 12 MB है | पुस्तक में कुल 104 पृष्ठ हैं |नीचे खच्चर और आदमी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | खच्चर और आदमी पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy, Stories, Novels & Plays, Uncategorized

Name of the Book is : Khachchar Aur Admi | This Book is written by Yashpal | To Read and Download More Books written by Yashpal in Hindi, Please Click : | The size of this book is 12 MB | This Book has 104 Pages | The Download link of the book "Khachchar Aur Admi" is given above, you can downlaod Khachchar Aur Admi from the above link for free | Khachchar Aur Admi is posted under following categories comedy, Stories, Novels & Plays, Uncategorized |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : , ,
पुस्तक का साइज : 12 MB
कुल पृष्ठ : 104

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भूमिका
गत पच्चीस वर्षों में अपने कानी-संग्रहों के लिए 'भूमिका', 'आमुस' अपना 'दो शब्द” के रूप में चौदह बार कुछ न कुछ कह चुका हैं। इन निवेदनों में अपनी कहानियों के सन्दर्भ में हिन्दी भाषा में कहानी के विकास, प्रयोजन तथा गतिविधि के सम्बन्ध में सामाजिक परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में, अपनी समझ और दृष्टिकोण स्पष्ट करने का पान करता रहा है । ऐसा अवसर प्रायः प्रति बँढ़-दो बर्षे पश्चात् आता रहा है और प्रत्येक बार अनुभव किया है कि हमारे साहित्य में कहानी का माध्यम, प्रयोजन और विधा दोनों ही दृष्टियों से पर्याप्त विकास कर रहा है।
आज अनुभव कर रहा हूं कि अपने साहित्य की कहानियों के सम्बन्ध में चौबड़ बार मन्तु प्रकट कर चुकने के बाद भी बहुत कुछ कहने की आवश्यकता है । इस समय हमारे साहित्य के कहानी क्षेत्र में पुयापिक्षा कहीं अधिक विचारयोग्य बातें—अच्छी कहानी, नयी कहानो, सचेतन कहानी, अकहानी तथा कहानी की पूर्णता, ग्राह्यता, सुक्ष्मता, प्रतीकात्मकता और सार्थकता के सम्बन्ध में प्रश्न और रामस्याएं मौजूद हैं। इन प्रश्नों और समस्याओं से स्पष्ट है कि हमारे साहित्य में कहानी के माध्यम की प्रगति और नाग बहुत तीज गति से हो रहा है और इस विधा के प्रति रुचि और जागरूकता अब बढ़ रही है । कहानी हमारे साहित्य | ए विकासशील अंग है, जिस के विषय में निर्णय थे डागा दुस्साहस है । इन प्रश्नों के समाधान की योग्यता का दावा मैं नहीं करता।
अपनी भाषा के शाहप अचवा फहानी के क्षेत्र में मैं, अपने गत पच्चीस वर्षों के श्रम को थोड़ा-बहुत सार्थकता का विश्वास इस बात में पा सकता है। कि सम्भवतः हानी-कला के सम्बन्ध में जितनी चेतना हुमारी भाषा के खेत कों में विकसित हो गयी है, उसे प्रोत्साहित करने में मेरे द्वारा सिसी कहानियों की सफलता-असफलता ने भी कुछ ग दिया होगा।
हमारी भाषा में कहानी की कला के विकास के लिए, उसे अधिक ग्राह्य,

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