सायरन और दयानन्द | Sayaran Or Dayanand

सायरन और दयानन्द | Sayaran Or Dayanand

सायरन और दयानन्द | Sayaran Or Dayanand के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : सायरन और दयानन्द है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Gangaprasad Upadhyay | Pt. Gangaprasad Upadhyay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 8.6 MB है | पुस्तक में कुल 185 पृष्ठ हैं |नीचे सायरन और दयानन्द का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सायरन और दयानन्द पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history

Name of the Book is : Sayaran Or Dayanand | This Book is written by Pt. Gangaprasad Upadhyay | To Read and Download More Books written by Pt. Gangaprasad Upadhyay in Hindi, Please Click : | The size of this book is 8.6 MB | This Book has 185 Pages | The Download link of the book "Sayaran Or Dayanand" is given above, you can downlaod Sayaran Or Dayanand from the above link for free | Sayaran Or Dayanand is posted under following categories dharm, history |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 8.6 MB
कुल पृष्ठ : 185

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

वेदों को धर्मशास्त्र मानने वाले भारतवर्ष में दो वर्ग हैं। एक जो अपने को सनातनधर्मी कहते हैं, दूसरे जो अपने को आर्यसमाजी कहते हैं। सनातनधम स्वामी दयानन्द को छोड़कर सभी पुराने ऋषियों, चायाँ या भाष्यकारों को मानते हैं। आर्यसमाजी स्वामी दयानन्द को वैदिक धर्म का संशोधक और उद्धारक स्वीकार करते हैं। इन दो वर्गों को छोड़कर शेष जैन, बौद्ध, ईसाई, मुसल्मान आादि वेदों की अवहेलना ही नहीं अपितु निन्दा करते हैं। उनकी दृष्टि में वेदों में देवी-देवताओं की झुठो और कल्पित गाथायें हैं।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *