गढ़वाली लोककला और लोकसाहित्य का तुलनात्मक अनुशीलन | Gadhvali Lokkala Or Loksahitya Ka Tulnatmak Anushilan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गढ़वाली लोककला और लोकसाहित्य का तुलनात्मक अनुशीलन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 53.1 MB है | पुस्तक में कुल 309 पृष्ठ हैं |नीचे गढ़वाली लोककला और लोकसाहित्य का तुलनात्मक अनुशीलन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गढ़वाली लोककला और लोकसाहित्य का तुलनात्मक अनुशीलन पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, history
Name of the Book is : Gadhvali Lokkala Or Loksahitya Ka Tulnatmak Anushilan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 53.1 MB | This Book has 309 Pages | The Download link of the book "Gadhvali Lokkala Or Loksahitya Ka Tulnatmak Anushilan" is given above, you can downlaod Gadhvali Lokkala Or Loksahitya Ka Tulnatmak Anushilan from the above link for free | Gadhvali Lokkala Or Loksahitya Ka Tulnatmak Anushilan is posted under following categories literature, history |
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अपने शोध के दौरान मैंने इस तथ्य का पता लगाने का यत्न किया था कि गढ़वाल की संस्कृति कला और त्य को सही अर्थों में तलाशने की कहां तक की कोशिश हुई है। पर मुझे यह देखकर कष्ट हुआ कि इस सम्बन्ध में जो भी कार्य हुए हैं वे सभी आधे अधूरे हैं। एक तो गढ़वाली लोक जीवन, लोक साहित्य और लोक कला को मौलिक दृष्टि से नहीं देखा गया है और दुसरी बात यह भी है कि उपलब्ध चीजों के पीछे छिपे जीवन - दर्शन को समझने का प्रयास भी नहीं हुसाहिआ है।