समकित रतन सार संग्रह | Samkit Ratan Saar Sangrah के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : समकित रतन सार संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ratanlal Mahta | Ratanlal Mahta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ratanlal Mahta | इस पुस्तक का कुल साइज 5.5 MB है | पुस्तक में कुल 270 पृष्ठ हैं |नीचे समकित रतन सार संग्रह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | समकित रतन सार संग्रह पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, literature
Name of the Book is : Samkit Ratan Saar Sangrah | This Book is written by Ratanlal Mahta | To Read and Download More Books written by Ratanlal Mahta in Hindi, Please Click : Ratanlal Mahta | The size of this book is 5.5 MB | This Book has 270 Pages | The Download link of the book "Samkit Ratan Saar Sangrah" is given above, you can downlaod Samkit Ratan Saar Sangrah from the above link for free | Samkit Ratan Saar Sangrah is posted under following categories dharm, literature |
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जो निज सुभाव से जीवों में, खुद दया भाव आ जाता है ।। जो निज पर के कल्याण हेतु, कम वेश सभी को भाता है ।।
जो धर्मों का है सार, जिसे संसार सदा अपनाता है ।। मह जैन धर्म निज धर्म हमारा, दया धर्म कहलाता है ॥