रजत शिखर | Rajat Shikhar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : रजत शिखर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sumitranandan Pant | Sumitranandan Pant की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Sumitranandan Pant | इस पुस्तक का कुल साइज 6 MB है | पुस्तक में कुल 146 पृष्ठ हैं |नीचे रजत शिखर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रजत शिखर पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Rajat Shikhar | This Book is written by Sumitranandan Pant | To Read and Download More Books written by Sumitranandan Pant in Hindi, Please Click : Sumitranandan Pant | The size of this book is 6 MB | This Book has 146 Pages | The Download link of the book "Rajat Shikhar " is given above, you can downlaod Rajat Shikhar from the above link for free | Rajat Shikhar is posted under following categories Poetry |
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वहाँ पहुँचने को चिर व्यग्र, महत्त्वाकाक्षी, एक युवक, जो ग्रता छाया की घाटी में, जग जीवन के संघर्पण से बात क्लात हो, मोच रहा, मैं कैसे प्राप्त करू महिमोज्वल मानस की उम निभृत रुपली ऊँचाई को, जो निष्कप शिखा सी उठ कर, महानील को आलोकित करती अपने अतः प्रकाश में जहाँ विचरते सुरगण गोपन सुख से प्रेरित स्वप्नों की पगध्वनि से कपित कर दिगत को जहाँ प्रेरणाओ के स्वर्णिम मेघ बरसते मर्म स्वरो की रजत फुहारो में अजस्र झर |