आत्मविजय | Atmavijay के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आत्मविजय है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Bholanath Ji | Swami Bholanath Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Swami Bholanath Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 202 पृष्ठ हैं |नीचे आत्मविजय का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आत्मविजय पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Atmavijay | This Book is written by Swami Bholanath Ji | To Read and Download More Books written by Swami Bholanath Ji in Hindi, Please Click : Swami Bholanath Ji | The size of this book is 5 MB | This Book has 202 Pages | The Download link of the book "Atmavijay" is given above, you can downlaod Atmavijay from the above link for free | Atmavijay is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
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अच्छा, अब यह बताइये कि पदार्थों को आप किससे देखते हैं ? आँखों से और प्रकाश से। और प्रकाश को केवल प्रकाश से देखा जा सकता है, गोया नेत्र उसको उसी के प्रकाश से देखते है। अब रहा सवाल उस देखने वाले का, जो आँखों के जरिये निकल कर पदार्थों का प्रकाश करता है। आप उसको किससे देखते है, यानि आप सब के देखने वाले को किससे देखते हैं ? बाहर के पदार्थों से ? नहीं, क्योंकि वह तो प्रकाश कभी