गुबारे खातिर | Gubare Khatir के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गुबारे खातिर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Maulana Abul kalam Azad | Maulana Abul kalam Azad की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Maulana Abul kalam Azad | इस पुस्तक का कुल साइज 24 MB है | पुस्तक में कुल 294 पृष्ठ हैं |नीचे गुबारे खातिर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गुबारे खातिर पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Gubare Khatir | This Book is written by Maulana Abul kalam Azad | To Read and Download More Books written by Maulana Abul kalam Azad in Hindi, Please Click : Maulana Abul kalam Azad | The size of this book is 24 MB | This Book has 294 Pages | The Download link of the book "Gubare Khatir" is given above, you can downlaod Gubare Khatir from the above link for free | Gubare Khatir is posted under following categories literature |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
हजरत मौलाना की जिंदगी मुख्तलिफ़ और मुत्तज़ाद हैसियतों में बँटी हुई है। वो एक ही जिंदगी और एक ही वक्त में मुसन्निफ़ भी हैं मुक़र्रर भी हैं मुफ़क्किर' भी हैं, अदीब भी हैं, मुदब्बिर भी हैं और साथ ही सियासी जद्दोजहद के मैदान के सिपहसालार भी हैं । दीनी अलूम के तबहहुर के साथ अक़लियात आओ फ़लसफ़े का ज़ौक बहुत कम जमा होता है। और इल्म और अदब के ज़ौक़ ने एक ही दिमाग में बहुत कम आशियाना बनाया है। फिर इल्मी औ फिक्री जिंदगी का मैदान अमली सियासत की जद्दोजहद से इतना दूर वाक़ हुआ है कि एक ही क़दम दोनों मैदानों में बहुत कम उठ सके हैं। मगर मौलाना आज़ाद की जिंदगी इन तमाम मुख्तलिफ़ और मुत्तज़ाद हैसियतों की जामे है । गोया उनकी एक जिंदगी में बहुत-सी ज़िदगियाँ जमा हो गई हैं।