भाग्यरेखा | Bhagya Rekha

भाग्यरेखा | Bhagya Rekha

भाग्यरेखा | Bhagya Rekha के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भाग्यरेखा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gurudutta | Gurudutta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 18 MB है | पुस्तक में कुल 172 पृष्ठ हैं |नीचे भाग्यरेखा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भाग्यरेखा पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Bhagya Rekha | This Book is written by Gurudutta | To Read and Download More Books written by Gurudutta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 18 MB | This Book has 172 Pages | The Download link of the book " Bhagya Rekha " is given above, you can downlaod Bhagya Rekha from the above link for free | Bhagya Rekha is posted under following categories literature, Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 18 MB
कुल पृष्ठ : 172

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

ज्योतिष शास्त्र, मानव और समाज के भविष्य के विषय में क्या और कहाँ तक बताने में समर्थ है, यह इस पुस्तक का विषय नहीं। यह तो जन्मकुण्डली के ग्रहों और हस्तरेखाओं के तार-ताम्य के जाने बिना शी विद्वान लोग, कुछ दूर तक, देखने में समर्थ होते ही हैं । यदि ऐसा न हो, तो मानव और समाज अपने भावी सुख-सुविधा के लिये कभी कोई योजना बनाये ही नहीं। व्यक्तिगत प्रौर सामाजिक योजना का आधार ही यह होता है कि प्रत्येक मनुष्य में सुदूर-भबिष्य की प्रोर देखने की, न्यूनाधिक, क्षमता होती है। इस पर भी भविष्य के विषय में, दृष्टि, सदा और सब की सत्य ही होगी, यह कहना सम्भव नहीं।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *