हिंदी उपन्यासों में नायिका की परिकल्पना | Hindi Upanyaso Me Nayika Ki Parikalpna के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिंदी उपन्यासों में नायिका की परिकल्पना है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Suresh Sinha | Dr. Suresh Sinha की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Suresh Sinha | इस पुस्तक का कुल साइज 14 MB है | पुस्तक में कुल 334 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी उपन्यासों में नायिका की परिकल्पना का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी उपन्यासों में नायिका की परिकल्पना पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, history
Name of the Book is : Hindi Upanyaso Me Nayika Ki Parikalpna | This Book is written by Dr. Suresh Sinha | To Read and Download More Books written by Dr. Suresh Sinha in Hindi, Please Click : Dr. Suresh Sinha | The size of this book is 14 MB | This Book has 334 Pages | The Download link of the book "Hindi Upanyaso Me Nayika Ki Parikalpna" is given above, you can downlaod Hindi Upanyaso Me Nayika Ki Parikalpna from the above link for free | Hindi Upanyaso Me Nayika Ki Parikalpna is posted under following categories literature, history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
डॉक्टर सुरेश सिनहा, एम० ए०, डी० फिल्० का शोध-प्रबन्ध 'हिन्दी उपन्यासों में नायिका की परिकल्पना' देखने में चाहे सीधा विपय लगता हो, परन्तु हैं बहुत गूढ़ । डॉक्टर सिनहा ने बहुत विचार और पांडित्य के साथ इस विषय का वियेचन किया है । १८५७ से १९४७ तक की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थितियों का ऐतिहासिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोणों से पूरा पर्यपेक्षण किया है। नारियों की स्थिति पर पूरा ध्यान रखते हुए उन्होंने विशद विवेचन किया है । इनके शोध-न्य के प्रथम अध्याय में यह सच आया है। इसी में 'नई नारी' के विकास पर भी प्रकाश डाला है ।