मैं तुम्हारा स्वर | Mai Tumhara Svar

मैं तुम्हारा स्वर | Mai Tumhara Svar

मैं तुम्हारा स्वर | Mai Tumhara Svar के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मैं तुम्हारा स्वर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mangal Saksena | Mangal Saksena की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 890.9 KB है | पुस्तक में कुल 160 पृष्ठ हैं |नीचे मैं तुम्हारा स्वर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मैं तुम्हारा स्वर पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Mai Tumhara Svar | This Book is written by Mangal Saksena | To Read and Download More Books written by Mangal Saksena in Hindi, Please Click : | The size of this book is 890.9 KB | This Book has 160 Pages | The Download link of the book "Mai Tumhara Svar " is given above, you can downlaod Mai Tumhara Svar from the above link for free | Mai Tumhara Svar is posted under following categories Poetry |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 890.9 KB
कुल पृष्ठ : 160

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धड़कते सीने पर मुर्दा माँस का बोझ उठाए उन शब्दो को भिचे हुए दांतो में सड़ने देना कि 'मेरो प्रिया, मेरे रहते तेरा कोई क्या बिगाड़ सकता है और पास की खाई तक फैले हुए सून में । सने हुए गजरों पर नज़र का पछाड़ पाकर मर जाना शर्म के आवेग में भी अवश तनी गर्दन को झुका नही पानी और दिल के चीथड़े करके जलते हुए मलबे में फेंक देना |

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