पाली – प्रबोध | Pali – Prabodh के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पाली – प्रबोध है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Dulare Lal Bhargav | Shri Dulare Lal Bhargav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Dulare Lal Bhargav | इस पुस्तक का कुल साइज 26 MB है | पुस्तक में कुल 160 पृष्ठ हैं |नीचे पाली – प्रबोध का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पाली – प्रबोध पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Pali – Prabodh | This Book is written by Shri Dulare Lal Bhargav | To Read and Download More Books written by Shri Dulare Lal Bhargav in Hindi, Please Click : Shri Dulare Lal Bhargav | The size of this book is 26 MB | This Book has 160 Pages | The Download link of the book "Pali – Prabodh" is given above, you can downlaod Pali – Prabodh from the above link for free | Pali – Prabodh is posted under following categories literature |
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भारतवर्ष में 'पानी' के पठन-पाठन का पुनरुद्धार हो रहा है। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में तो पाली पाठ्य-विषयों में से है ही; कलकत्ता-संस्कृत-बोर्ड की उच्चतम परीक्षाओं में भी पाली'प्रविष्ट हो चुकी है । यह संतोष की बात है। परंतु पानी-साहित्य की पुस्तकें देवनागरी-अक्षरों में अभी तक नहीं के बराबर हैं । व्याकरण पर तो नागरी-अक्षरों में अथवा हिंदी-भाषा में कोई पुस्तक है ही नहीं पं० विधुशेखर भट्टाचार्यजी ने अपने पाजी व्याकरण में उदाहरण अवश्य नागराक्षर में दिए हैं, परंतु नियम और लक्षण आदि की भाषा बैगता है, और अक्षर भी बँगला, जिससे बँगला न जाननेवाले छात्र उससे यथार्थ लाभ नहीं उठा सकते ।
Pali vyakran by bhikkhu dharmarakshit
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