नीतिशास्त्र – Nitishastra

नीतिशास्त्र – Nitishastra

नीतिशास्त्र – Nitishastra के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : नीतिशास्त्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gyan Mandal Vanarasi | Gyan Mandal Vanarasi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 59.7 MB है | पुस्तक में कुल 643 पृष्ठ हैं |नीचे नीतिशास्त्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | नीतिशास्त्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : Uncategorized, india

Name of the Book is : Nitishastra | This Book is written by Gyan Mandal Vanarasi | To Read and Download More Books written by Gyan Mandal Vanarasi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 59.7 MB | This Book has 643 Pages | The Download link of the book "Nitishastra" is given above, you can downlaod Nitishastra from the above link for free | Nitishastra is posted under following categories Uncategorized, india |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 59.7 MB
कुल पृष्ठ : 643

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

जन्महुने बोधिसत्व पनि धर्माशनबाट बलंको धर्म समयमा पनि बत्तीस प्रकारको पूर्वलक्षण देखिन थाल्यो । भूमिकम्प पनि स्थलै भयो । दीपंकर बुद्धतित युद्धत्वको प्रार्थना गरेदेख्रिश्न बुद्ध हुन आउँदा सम्ममा बोधिसत्वले जन्म लिनासाथ कुरा गरेको जन्मा तीनै पटक मात्र हो | एक पटक, महोसध पण्डित भएर जन्म लिन आउँदा, दोश्रो पटक विश्वन्तर राजकुमार भएर जन्म लिन आउँदा, र यस पालि सिद्धार्थकुमार भएर जन्म लिन आउँदा । पनि उत्पन्न भए । तिनीहरू यी नै हुन- वशोधरादेवी, छन्न धनले परिपूर्ण घडा चारवटा ।

Share this page:

4 Comments

    • नीति शास्त्र में कहा लिखा है कि खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं धोने चाहिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *