चावल का एक दाना | Chawal ka ek Dana
एक भारतीय गणित की लोककथा. एक राजा प्रजा पर बहुत अत्याचार करता है. बहुत लगान लगाता है. राजा के गोदाम अनाज से भरे हैं और राज्य में सूखा फैला है.
उन हालातों में राजा एक भोज आयोजित करता है. जब अनाज के बोरों की ढुलाई होती है तो उनमें से एक के छेद में से अनाज गिरता है.
एक छोटी लड़की रानी गिरते दानों को इकठ्ठा करती है. राजा के सिपाही लड़की को पकड़ लेते हैं. राजा लड़की को इनाम देता है.
लड़की कुछ अनूठा मांगती है - आगे जानने के लिए गणित पर आधारित लोककथा को ज़रूर पढ़ें।