आत्मशक्ति का विकास – दामोदकर सातवलेकर हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड | Atmshakti Ka Vikas – Damodkar Satvalekar Hindi PDF Download |

आत्मशक्ति का विकास – दामोदकर सातवलेकर हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड | Atmshakti Ka Vikas – Damodkar Satvalekar Hindi PDF Download |

आत्मशक्ति का विकास – दामोदकर सातवलेकर हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड | Atmshakti Ka Vikas – Damodkar Satvalekar Hindi PDF Download | के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : आत्मशक्ति का विकास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 6.05 MB है | पुस्तक में कुल 54 पृष्ठ हैं |नीचे आत्मशक्ति का विकास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आत्मशक्ति का विकास पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, suggested, Uncategorized

Name of the Book is : Atmshakti Ka Vikas | This Book is written by | To Read and Download More Books written by in Hindi, Please Click : | The size of this book is 6.05 MB | This Book has 54 Pages | The Download link of the book "Atmshakti Ka Vikas" is given above, you can downlaod Atmshakti Ka Vikas from the above link for free | Atmshakti Ka Vikas is posted under following categories Knowledge, suggested, Uncategorized |

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पुस्तक का साइज : 6.05 MB
कुल पृष्ठ : 54

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४ अपनी झआाकतियोंका विचार करनेके पूव अपनी झाकतियोंका सवरूप-विजञान होना अतयावशयक हूं। अपने अंदर दो परकार की दाकतियां हं। (१) मुखय झाकत आतमिक यकति नामसे परासिदध हे तथा (९) दूसरी दाकते पराकृतिक शकति द। जो पराकृतिक थाकति हैं वह आतमिक आारकतके साथ रहनसे सफल हो सकती हैं अनयथा नहीं । इनका ही वणन वंदिक सारसवतसें निमन शबदों दवारा होता ह--- आतमा परकवाति बश अनीशा अज अजा पराण रयी सूये चंदर पुरुष परकृति घन ऋण इसम मुखय ततव यह हू कि. आतमाकी आाकति परकृतीकी साकतक साथ मिछकर अपना परभाव वता रही हैं इसलिये दोरा साकियां एक दूस९को साथक है ओर घातक नहीं हूं | दारोरम दंखिय कि. आतमाकी झा परतयेक अवयव और डादरयम जाकर काय कर रही हैं । यहां पर उतपनन होता हे कि अपने अंदर कितकी दाकति हू विचार करनपर पता लग जायगा कि यदयपि टेसनम शाकत अयलप है. तथापि विचार करनपर उसके अपार

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One comment

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