भगवान बुद्ध चित्रमय जीवनी | Bhagwan Budh Chitrmay Jivani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भगवान बुद्ध चित्रमय जीवनी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hermann Hesse | Hermann Hesse की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Hermann Hesse | इस पुस्तक का कुल साइज 10.4 MB है | पुस्तक में कुल 256 पृष्ठ हैं |नीचे भगवान बुद्ध चित्रमय जीवनी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भगवान बुद्ध चित्रमय जीवनी पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, history
Name of the Book is : Bhagwan Budh Chitrmay Jivani | This Book is written by Hermann Hesse | To Read and Download More Books written by Hermann Hesse in Hindi, Please Click : Hermann Hesse | The size of this book is 10.4 MB | This Book has 256 Pages | The Download link of the book "Bhagwan Budh Chitrmay Jivani" is given above, you can downlaod Bhagwan Budh Chitrmay Jivani from the above link for free | Bhagwan Budh Chitrmay Jivani is posted under following categories dharm, history |
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आरभ में, जब तीन सहस्र लोक उत्पन्न किए जा रहे थे, सर्व पदार्थ उत्पन्न हो गए, परन्तु अभी जड और चेतन वस्तुओं में कोई भेद न था। यह ब्रह्मांड एक शुन्य उजाड़ था, जिसमें न सूर्य घूमता था और में चन्द्र। दु ख-सुख और सत्-असत् में कोई भेद न था। जब ब्राह्मणीय देवता अपने शारीरिक प्रकाश के साथ पृथ्वी पर उतरे, वे अपना भोजन पृथ्वी की मोटाई से लेते थे, इसलिए लोभ और पेटूपन का स्वभाव प्रादुर्भूत हुआ, और वे वन की लताओं और सुवासित चावलों को एक दूसरे के बाद खाने लगे जब उनका प्रकाश क्रमशः लोप हो गया तो सूर्य-चन्द्र प्रकट हो गए। विवाह और कृषि की अवस्था पैदा हुई, और राजा-प्रजा तथा पिता-पुत्र-सम्बन्धी नियम स्थापित हो गए।