भारतीय राजस्व | Bhartiya Rajsva के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारतीय राजस्व है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhagwan Das Kela | Bhagwan Das Kela की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Bhagwan Das Kela | इस पुस्तक का कुल साइज 95 MB है | पुस्तक में कुल 241 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय राजस्व का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय राजस्व पुस्तक की श्रेणियां हैं : society
Name of the Book is : Bhartiya Rajsva | This Book is written by Bhagwan Das Kela | To Read and Download More Books written by Bhagwan Das Kela in Hindi, Please Click : Bhagwan Das Kela | The size of this book is 95 MB | This Book has 241 Pages | The Download link of the book "Bhartiya Rajsva" is given above, you can downlaod Bhartiya Rajsva from the above link for free | Bhartiya Rajsva is posted under following categories society |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
यदि देश में उचित राज्य प्रबन्ध न हो, हर समय चोर, डाकुओं, छली, कपटियों तथा बलवानों के अत्याचारों का भय हो, तो धन की रक्षा का विश्वास न होने से धन बहुत कम उत्पन्न किया जा सकेगा, और जो कुछ उत्पन्न भी होगा, उसे शीघ्र खर्च कर डालने तथा छिपा कर रखने की प्रवृत्ति होगी । वचत के धन की उत्पत्ति के काम में नहीं लगाया जायगा। इस प्रकार मूलधन अर्थात् पूंजी का हर दम दिवाला निकला रहेगा। इस लिए आर्थिक दृष्टि से देश में राज्य प्रबन्ध की बड़ी आवश्यकता है।