दक्षिण भारत के हिंदी प्रचार आन्दोलन का समीक्षात्मक इतिहास | Dakshin Bharat Ke Hindi Prachar Andolan Ka Samikshatmak Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दक्षिण भारत के हिंदी प्रचार आन्दोलन का समीक्षात्मक इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : P.K. Keshvan | P.K. Keshvan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : P.K. Keshvan | इस पुस्तक का कुल साइज 66.00 MB है | पुस्तक में कुल 456 पृष्ठ हैं |नीचे दक्षिण भारत के हिंदी प्रचार आन्दोलन का समीक्षात्मक इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दक्षिण भारत के हिंदी प्रचार आन्दोलन का समीक्षात्मक इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : Uncategorized, history, Knowledge
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बहुत दिनों से मैं स्वयं चाहता था और मेरे सहयोगी कार्यकर्ता-बन्धु भी आग्रह करते थे कि मैं हिन्दी प्रचार का इतिहास लिखें , पर यह नहीं हो सका मुझ को इसका बड़ा दुःख रहा । अब मैंने श्री केशवन् नायर के लिखे हिन्दी प्रचार के इतिहास का थोड़ा हिस्सा सुना । इससे बड़ी ही खुशी हुई । स्वतंत्रता पाने के लिए जितने आन्दोलन थे, उनमें हिन्दी प्रचार एक विशेष महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस आन्दोलन के कारण ही दक्षिण में राष्ट्रीयता की नयी जागृति हुई, लोगों का अंग्रेजी के प्रति अनावश्यक मोह छुटने लगा व मातृभाषा के प्रति सच्चा प्रेम भी उत्पन्न हुआ ।