गली मोहल्लों के कुछ खेल : मुल्क राज आनंद| Gali Mahallon Ke Kuchh Khel : MULK RAJ ANAND के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गली मोहल्लों के कुछ खेल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : MULK RAJ ANAND | MULK RAJ ANAND की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : MULK RAJ ANAND | इस पुस्तक का कुल साइज 758.7 KB है | पुस्तक में कुल 18 पृष्ठ हैं |नीचे गली मोहल्लों के कुछ खेल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गली मोहल्लों के कुछ खेल पुस्तक की श्रेणियां हैं : india, Knowledge
Name of the Book is : Gali Mahallon Ke Kuchh Khel | This Book is written by MULK RAJ ANAND | To Read and Download More Books written by MULK RAJ ANAND in Hindi, Please Click : MULK RAJ ANAND | The size of this book is 758.7 KB | This Book has 18 Pages | The Download link of the book "Gali Mahallon Ke Kuchh Khel" is given above, you can downlaod Gali Mahallon Ke Kuchh Khel from the above link for free | Gali Mahallon Ke Kuchh Khel is posted under following categories india, Knowledge |
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और इस तरह खिलाड़ी तब तक खेलता रहता है अब तक कि गुल्ली पकड़ी न जाये। या फिर गल्ती ऊपर उछन नहीं आती है और वह फिर दुबारा इंडे से उस पर मार नहीं कर चेता। कई बार ऐसा भी होता है कि गुल्ली की नौक टूट जाती है और ठीक से उछाल नहीं पा सकती है।
खैर, मैंने किसी तरह ढंग से गुल्ली-डंडा बेलना सीख लिया। मैं तेजी और सफाई से खेलता था, पर मैं शुरुआत में गुल्ली को इतनी । ताकत से नहीं उछाल पाता था कि वह सामने वालों के सिर के ऊपर से गजर जाये। और मैं इतना मिलाड़ी भी नहीं था कि गुल्ली सौ गज़ या उसके आगे सामने वालों के ऊपर से गुज़र जाती।
लेकिन मैंने अपने दोस्तों को चोट नहीं पहुंचाई।
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