गोरा | Gorra

गोरा | Gorra

गोरा | Gorra

गोरा | Gorra के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गोरा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ravindranath Tagore | Ravindranath Tagore की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 34.0 MB है | पुस्तक में कुल 501 पृष्ठ हैं |नीचे गोरा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गोरा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Gorra | This Book is written by Ravindranath Tagore | To Read and Download More Books written by Ravindranath Tagore in Hindi, Please Click : | The size of this book is 34.0 MB | This Book has 501 Pages | The Download link of the book "Gorra " is given above, you can downlaod Gorra from the above link for free | Gorra is posted under following categories Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 34.0 MB
कुल पृष्ठ : 501

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

श्रावण का महीनः और प्रातः काल का समय था । बर्सात के दिन होने पर भी इस समय आकाश में बादल नहीं थे । निर्मल स्वच्छ धूप से कलकत्ते का आकाश साफ दिखाई दे रहा था । कालेज की सारी परीक्षाओं को पास करके भविष्य के लिये आगे कोई बात निश्चय न कर विनय भूषण अपने घर पर ही फुरसत का समय बिता रहा था। सड़क के सामने बरांडे पर अकेला खड़ा हुआ रास्ते की भीड़ का दृश्य देखकर अपने मन को बहला रहा था । अभी तक उसे संसार का कोई ज्ञान न था। न तो उसका विवाह ही हुआ था और न उसे घर गृहस्थी की चिन्ता ही थे।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *