हिंदी नाट्य कला | Hindi Nataya Kala के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिंदी नाट्य कला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vedvyas Ji | Vedvyas Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Vedvyas Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 1.2 MB है | पुस्तक में कुल 334 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी नाट्य कला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी नाट्य कला पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Hindi Nataya Kala | This Book is written by Vedvyas Ji | To Read and Download More Books written by Vedvyas Ji in Hindi, Please Click : Vedvyas Ji | The size of this book is 1.2 MB | This Book has 334 Pages | The Download link of the book "Hindi Nataya Kala" is given above, you can downlaod Hindi Nataya Kala from the above link for free | Hindi Nataya Kala is posted under following categories literature |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
उत्पति-मनुष्य स्वभाव से ही ऐना जीव है जो नदी यह चाहता है कि मैं सपने भाव और विचार दूसरों पर प्रश्ट वः वह इन्हें अपने अन्नःकरण में दिया रयने में असमर्थ है। नुन विना उन्हें दूसरों पर प्रकट झिये चैन नहीं मिलता। अतएव अपने भत्रिों और विचारों को दूसरों पर प्रश्फ रने की इच्छा मानवप्रवृत्ति का एक अनिवार्य गुण है । मनुष्य अपने भावां और विचारों को इङ्गिनों या वाणी द्वारा अब दोनों की सहायता से प्रकट करता है ।