हिरना सांवरी | Hirana Sanvari

हिरना सांवरी | Hirana Sanvari

हिरना सांवरी | Hirana Sanvari के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हिरना सांवरी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Manhar Chauhan | Manhar Chauhan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 236 पृष्ठ हैं |नीचे हिरना सांवरी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिरना सांवरी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Hirana Sanvari | This Book is written by Manhar Chauhan | To Read and Download More Books written by Manhar Chauhan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5 MB | This Book has 236 Pages | The Download link of the book "Hirana Sanvari" is given above, you can downlaod Hirana Sanvari from the above link for free | Hirana Sanvari is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 5 MB
कुल पृष्ठ : 236

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

गांव की खुली हवा में पलने के कारण मेरी काठी वहुत मजबूत थी । मेरे चेहरे पर अजीव कुंवारापन पुता हुआ था । मैं कानों में लाख के लाल फूल पहनती थी । यों गांव की और टुरियाँ भी फूल पहनती थीं, लेकिन उन की जो खूबसूरती मुझ पर खिलती थी, उन पर नहीं । वैसे मेरा नाम लछमी था, लेकिन मैं अपने-आप हिरना के नाम से प्रसिद्ध हो गई। हिरना नाम मुझे पसन्द भी खूब आया । कभी हम लोगों को गांव से बाहर जाने का मौका पड़ता तो मैं रास्ते के जंगलों में हिरनों को कुलांचे भरते देखती ।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.