जीवन संध्या : आशापूर्णा देवी द्वारा हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक – उपन्यास | Jeevan Sandhya
जीवन संध्या | Jeevan Sandhya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जीवन संध्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ashapoorna Devi | Ashapoorna Devi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ashapoorna Devi | इस पुस्तक का कुल साइज 6MB है | पुस्तक में कुल 288 पृष्ठ हैं |नीचे जीवन संध्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जीवन संध्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Jeevan Sandhya | This Book is written by Ashapoorna Devi | To Read and Download More Books written by Ashapoorna Devi in Hindi, Please Click : Ashapoorna Devi | The size of this book is 6MB | This Book has 288 Pages | The Download link of the book " Jeevan Sandhya" is given above, you can downlaod Jeevan Sandhya from the above link for free | Jeevan Sandhya is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
उनकी गाड़ी जिस समय इनके दरवाजे पर आदर झी, उस समय तक शहर के इस मुहल्ले में दैनिक काम के पहिये ने पूरी रफ्तार से घूमना शुरू नही पिया था । यहाँ तक वि सडक भी नी” से उठकर जम्हाई लेती हुई लग रही थी ।
फुटपाथ पर जहाँ-तहाँ, भाग्यवानो के मकानों के बाहर औने-कोने में मा पिसी दुकान के साइनबोह को सुरदित रखने के लिए बढ़ाये गये शेड के नीचे जो बेचारे गरीब गहुरी नीद के गुलगुले विद्यावन पर साये हुए थे, उनकी गहरी नींद को तोडने के लिए उस समय तव रास्ते के होजपाइप ने मटमैला पानी उगलना गही शुरू पिया था। यहाँ ता कि दुकान-दौरियों के भी दोना पट बंद आँखों की तरह मुंद हुए थे, बोई-कोई हो एक ख घोलकर ताव रहा था।