ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ | Khavaja Haider Ali ‘Atish’ के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mohmmad Jakir | Mohmmad Jakir की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mohmmad Jakir | इस पुस्तक का कुल साइज 2.4 MB है | पुस्तक में कुल 86 पृष्ठ हैं |नीचे ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ख्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Biography
Name of the Book is : Khavaja Haider Ali ‘Atish’ | This Book is written by Mohmmad Jakir | To Read and Download More Books written by Mohmmad Jakir in Hindi, Please Click : Mohmmad Jakir | The size of this book is 2.4 MB | This Book has 86 Pages | The Download link of the book "Khavaja Haider Ali ‘Atish’" is given above, you can downlaod Khavaja Haider Ali ‘Atish’ from the above link for free | Khavaja Haider Ali ‘Atish’ is posted under following categories Biography |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
उत्तर भारत में साहित्य रचना के लिए इसे ठीक तरह से अठारहवीं शताब्दी में अपनाया गया। यह वह युग था जब मुगल सल्तनत के पतन के साथ-साथ भारत में फ़ारसी का अपकर्ष भी हो रहा था। सतरहवीं शताब्दी के अंत में दकन के मुगल सल्तनत का हिस्सा बन जाने के कारण वहाँ के शायर दिल्ली आने लगे थे जिनमें वली दकनी का नाम सबसे ज़्यादा मशहूर है। उत्तर भारत में उर्दू में शेर कहने की ज़मीन बन चुकी थी, कुछ नमूने भी सामने आये थे। यह स्वाभाविक भी था क्योंकि यह यहीं की बोली थी।