कितनी हैं (कहानी संग्रह) : धर्मेन्द्र राजमंगल | Kitni Hain (Story Collection) : Dharmendra Rajmangal के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कितनी हैं (कहानी संग्रह) है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dharmendra Rajmangal | Dharmendra Rajmangal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dharmendra Rajmangal | इस पुस्तक का कुल साइज 10 MB है | पुस्तक में कुल 150 पृष्ठ हैं |नीचे कितनी हैं (कहानी संग्रह) का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कितनी हैं (कहानी संग्रह) पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Kitni Hain (Story Collection) | This Book is written by Dharmendra Rajmangal | To Read and Download More Books written by Dharmendra Rajmangal in Hindi, Please Click : Dharmendra Rajmangal | The size of this book is 10 MB | This Book has 150 Pages | The Download link of the book "Kitni Hain (Story Collection)" is given above, you can downlaod Kitni Hain (Story Collection) from the above link for free | Kitni Hain (Story Collection) is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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ये है मेरा कहानी संग्रह -कितनी हैं-. इस संग्रह है पच्चीस कहानियां हैं, जो मेरे शुरूआती नौसिखिया लेखन की निशानी हैं. इन पच्चीस कहानियों में आपको हर तरह की कहानी मिलेगी. जिसमें आप ख़ुश होएँगे. थोडा रोयेंगे. हसेंगे भी खूब. सोचने पर मजबूर भी हो जायेंगे. एकाध कहानी आपको किसी की याद भी दिला देगी. और एक बात और. आपको इन कहानियों में कुछ कमी भी नजर आएगी. तो कृपया नाराज़ न होना. क्योंकि ये मेरी शुरूआती कहानी है. जिनमें अपरिपक्वता भरी हुई है. मैं चाहता तो इन्हें फिर से सम्पादित कर सकता था. लेकिन फिर इनमें वो भाव नहीं होता जो अब मौजूद है. मुझे उम्मीद है आप इन सब गलतियों को भुलाकर कहानी की अंदरूनी तह को समझेंगे. आप के लिए ही तो लिखता हूँ. फिर आप नहीं पढेंगे तो कौन पढ़ेगा? शुक्रिया.ये है मेरा कहानी संग्रह -कितनी हैं-. इस संग्रह है पच्चीस कहानियां हैं, जो मेरे शुरूआती नौसिखिया लेखन की निशानी हैं. इन पच्चीस कहानियों में आपको हर तरह की कहानी मिलेगी. जिसमें आप ख़ुश होएँगे. थोडा रोयेंगे. हसेंगे भी खूब. सोचने पर मजबूर भी हो जायेंगे. एकाध कहानी आपको किसी की याद भी दिला देगी. और एक बात और. आपको इन कहानियों में कुछ कमी भी नजर आएगी. तो कृपया नाराज़ न होना. क्योंकि ये मेरी शुरूआती कहानी है. जिनमें अपरिपक्वता भरी हुई है. मैं चाहता तो इन्हें फिर से सम्पादित कर सकता था. लेकिन फिर इनमें वो भाव नहीं होता जो अब मौजूद है. मुझे उम्मीद है आप इन सब गलतियों को भुलाकर कहानी की अंदरूनी तह को समझेंगे. आप के लिए ही तो लिखता हूँ. फिर आप नहीं पढेंगे तो कौन पढ़ेगा? शुक्रिया.