कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ : इल्तिफ़ात अहमद इस्लाही | Kuraan Majeed Antim Ishgranth : Iltifat Ahmad Islahi

कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ : इल्तिफ़ात अहमद इस्लाही | Kuraan Majeed Antim Ishgranth : Iltifat Ahmad Islahi

कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ : इल्तिफ़ात अहमद इस्लाही | Kuraan Majeed Antim Ishgranth : Iltifat Ahmad Islahi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Iltifat Ahmad Islahi | Iltifat Ahmad Islahi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 900 KB है | पुस्तक में कुल 40 पृष्ठ हैं |नीचे कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, islam

Name of the Book is : Kuraan Majeed Antim Ishgranth | This Book is written by Iltifat Ahmad Islahi | To Read and Download More Books written by Iltifat Ahmad Islahi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 900 KB | This Book has 40 Pages | The Download link of the book "Kuraan Majeed Antim Ishgranth" is given above, you can downlaod Kuraan Majeed Antim Ishgranth from the above link for free | Kuraan Majeed Antim Ishgranth is posted under following categories dharm, islam |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 900 KB
कुल पृष्ठ : 40

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दो शब्द
आज जहाँ नित नए आविष्कार किए जा रहे हैं, तरह-तरह की खोज की जा रही है और संसार विज्ञान के माध्यम से उन्नति के शिखर पर पहुँच रहा है, वहीं मानव की समस्याएँ ज्यों की त्यों हैं। बल्कि मनुष्य दिन-प्रतिदिन समस्याओं में उलझता जा रहा है, धर्म के नाम पर अंधविश्वास और आडम्बरों के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है, राजनीति के नाम पर हर प्रकार से शोषण किया जा रहा है, आर्थिक ढाँचा असमानता का शिकार है। सुख-शान्ति ख़त्म हो चुकी है। हिंसा, आतंकवाद, फॉसीवाद, भीषण घोटाले, धन-प्राप्ति के लिए खाद्य पदार्थों में प्राण-घातक तत्वों की मिलावट, नशीले पदार्थों का सेवन, औरतों पर अत्याचार, अश्लीलता, यौन-शोषण, बाल-शोषण, देश, रंग, नस्ल और भाषा के नाम पर परस्पर घृणा और पृथक होने की प्रवृत्ति, परमाणु युद्ध का ख़तरा, चोरबाज़ारी, जमाखोरी आदि असंख्य समस्याएँ हैं जो मानव
और मानव-समाज में खून की तरह रच-बस गई हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से जो प्रयत्न किए गए या किए जा रहे हैं, उनसे ये समस्याएँ हल होने के बजाए और जटिल होती जा रही हैं और स्थिति वास्तव में यह हो गई है कि 'मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की!' ।
मानव की इन समस्याओं का एकमात्र समाधान ईश्वर और ईश्वर द्वारा दिखाया गया मार्ग है। ईश्वर ने जहाँ हमें प्रकृति का अनमोल खज़ाना दिया है, शारीरिक शक्तियों का भंडार, बुद्धि-विवेक और अनगिनत नेमतें प्रदान की हैं वहीं हमें मार्गदर्शन भी दिया है। एक ऐसा मार्गदर्शन जिसपर चलकर सुखमय जीवन की कल्पना की जा सकती है।
ईश्वर ने अपने अन्तिम दूत हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) के माध्यम से एक ग्रन्थ भेजा, जिसका नाम 'कुरआन' है जो मानव को सीधा और सच्चा मार्ग दिखाने के लिए। आया है। वास्तव में हमारी सारी समस्याओं का हल कुरआन ही के पास है।।
प्रस्तुत पुस्तक में ईश्वर के ग्रन्थ कुरआन' के सम्बन्ध में इस सत्य के

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