क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा : जमुनादास अख्तर हिंदी पुस्तक मुफ्त पीडीऍफ़ डाउनलोड | Kya Pakistan Jinda Rahega : Jamunadas Akhtar Hindi Book Free PDF Download

क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा : जमुनादास अख्तर हिंदी पुस्तक | Kya Pakistan Jinda Rahega : Jamunadas Akhtar Hindi Book

क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा : जमुनादास अख्तर हिंदी पुस्तक | Kya Pakistan Jinda Rahega : Jamunadas Akhtar Hindi Book

क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा : जमुनादास अख्तर हिंदी पुस्तक | Kya Pakistan Jinda Rahega : Jamunadas Akhtar Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jamunadas Akhtar | Jamunadas Akhtar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.42 MB है | पुस्तक में कुल 192 पृष्ठ हैं |नीचे क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | क्या पाकिस्तान जिंदा रहेगा पुस्तक की श्रेणियां हैं : india, politics, world

Name of the Book is : Kya Pakistan Jinda Rahega | This Book is written by Jamunadas Akhtar | To Read and Download More Books written by Jamunadas Akhtar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7.42 MB | This Book has 192 Pages | The Download link of the book "Kya Pakistan Jinda Rahega" is given above, you can downlaod Kya Pakistan Jinda Rahega from the above link for free | Kya Pakistan Jinda Rahega is posted under following categories india, politics, world |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 7.42 MB
कुल पृष्ठ : 192

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इस पुसतक के समबनध में दो वरष पहले जब पाकिसतान मे राजनीतिक पइयतर के नाम से अगरेजी में मेरी पुसतक परकाशित हुई तो देश-विदेश में इसका सवागत हुआ और परमुख समाचार पतरो ने लिखा कि पाकिसतान की समसयाओ पाकिसतान मे घरेलू षडयनतरो और भारत के विरुदध पाकिसतान के शासकों के खतरनाक हथकडो पर इस से अचछी पुसतक इस से पहले परकाशित नहीं हुई । इस पुसतक की कीमत ४४५ रुपये थी। इसके अति- रिकत यह पुसतक अगरेजी मे थी इसलिए साधारण जनता विशेषतया हिनदी परेमियो के लिये इसका अधययन करना कठिन था। इसलिगपें फेसला किया गया कि हिनदी परेमियों के लिये पाकिसतान की समसयाओं भौर इसके भविषय पर एक ऐसी पुसतक लिखी जाये जिससे साधारण जनता विशेषतया हिंतदी परेमी लाभ उठा सके । में सटार पढिनकेशज के सचालिक शरी अमरनाथ का आभारी हू कि उनहोने मेरी इस पुसतक को परकाशित करना सवीकार किया । दुरभागय ही तो है कि हमारे देश मे यूरोप और अमरीका पर तो बहुत पुसतकें लिखी और परकाशित की जाती है परनतु पाकिसतान जैसे देश पर जो कि हमारा निकटतम पडोसी है और जिसकी गतिविधियों का हमारे देश पर गहरा परभाव पडता है बहुत कम पुसतक परकाशित होती है। गत २४ वरषों मे पाकिसतान के शासकों ने चार बार हमारे देश पर आकरमण किया । पाकिसतान के तानाशाहों को जब भी अपने देश में विरोधी जनता की ओर से अपनी गदिया डोलती हुई दिखाई दी उनहोने जनता को हमारे देश मे धकेलना और हमारे विरुदध युदध के नारे लगाना शुरू कर दिया । हमारे देश पर चार बार हमले करने के साथ ही पारक ‌

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