लौटता हुआ दिन | Lautata Hua Din

लौटता हुआ दिन | Lautata Hua Din

लौटता हुआ दिन | Lautata Hua Din

लौटता हुआ दिन | Lautata Hua Din के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : लौटता हुआ दिन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : upendranath ashk | upendranath ashk की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7.51 MB है | पुस्तक में कुल 143 पृष्ठ हैं |नीचे लौटता हुआ दिन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लौटता हुआ दिन पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy, Knowledge

Name of the Book is : Lautata Hua Din | This Book is written by upendranath ashk | To Read and Download More Books written by upendranath ashk in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7.51 MB | This Book has 143 Pages | The Download link of the book "Lautata Hua Din" is given above, you can downlaod Lautata Hua Din from the above link for free | Lautata Hua Din is posted under following categories comedy, Knowledge |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 7.51 MB
कुल पृष्ठ : 143

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परेशानी मुझे उन दिनों थी भी बहुत ज्यादा । साल ही भर पहले, कुछ महीनों के अन्तर से, मैंने दो बार शादी कर ली थी दूसरी पत्नी को छोड़ कर तीसरी पत्नी (कौशल्या) से—बेहद हंगामा हुआ था मुझे प्रीत नगर छोड़ कर दिल्ली रेडियो में नौकरी लेनी पड़ी थी ।एक ओर प्रीत नगर के शान्त, सुरम्य, सुखद और सुविधाजनक विनों की याद आती थी-वहाँ की रंगीन सुबह-शामों की, वीरानों के शान्तएकान्त की और नहर के किनारे की काव्य-भरी सैरों की और दूसरी ओर मेरे या मेरी दूसरी पत्नी के परिवारों की ओर से कोई-न-कोई उलझन खड़ी हो जाती थी ।

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