लोक साहित्य | Lok Sahitya

लोक साहित्य | Lok Sahitya

लोक साहित्य | Lok Sahitya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : लोक साहित्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Suresh Chandra Tyagi | Suresh Chandra Tyagi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 18.84 MB है | पुस्तक में कुल 323 पृष्ठ हैं |नीचे लोक साहित्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लोक साहित्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Lok Sahitya | This Book is written by Suresh Chandra Tyagi | To Read and Download More Books written by Suresh Chandra Tyagi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 18.84 MB | This Book has 323 Pages | The Download link of the book "Lok Sahitya" is given above, you can downlaod Lok Sahitya from the above link for free | Lok Sahitya is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 18.84 MB
कुल पृष्ठ : 323

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लोक-साहित्य फोकलोर का एक अग हैं जिसके अंतर्गत लोकगीत, लोककथा, लोकगाथा, लोकनाट्य और लोकोक्ति आदि आते है। आवश्यकता से अधिक सभ्य और आधुनिक लोग यह मान सकते हैं कि लोक-साहित्य अशिष्ट, असभ्य और गवर लोगो का साहित्य है, कि वह महत्त्वहीन है और उसका नोटिस नहीं लिया जाना चाहिए इस मान्यता का अर्थ है जीवन की सहज गति की उपेक्षा और परम्परा की अवहेलना लोक में जो व्याप्त है, वह लोक का ही है। उसकी रक्षा सबका ही दायित्व है, यह बोध आये बिना न तो लोकतंत्र सुरक्षित है।

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