मनोरंजन पुस्तकमाला 28 | Manoranjan Pustakmala 28

मनोरंजन पुस्तकमाला 28 | Manoranjan Pustakmala 28

मनोरंजन पुस्तकमाला 28 | Manoranjan Pustakmala 28 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मनोरंजन पुस्तकमाला 28 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Durgaprasad Singh | Durgaprasad Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 16.6 MB है | पुस्तक में कुल 319 पृष्ठ हैं |नीचे मनोरंजन पुस्तकमाला 28 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मनोरंजन पुस्तकमाला 28 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Manoranjan Pustakmala 28 | This Book is written by Durgaprasad Singh | To Read and Download More Books written by Durgaprasad Singh in Hindi, Please Click : | The size of this book is 16.6 MB | This Book has 319 Pages | The Download link of the book "Manoranjan Pustakmala 28" is given above, you can downlaod Manoranjan Pustakmala 28 from the above link for free | Manoranjan Pustakmala 28 is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |


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पुस्तक का साइज : 16.6 MB
कुल पृष्ठ : 319

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छाहीं मारना–यदि खेत पर आस पास के पेड़ का साया पड़ता है तो उनके निकट के पौधे आरोग्य नहीं रहे सकते और न अच्छी तरह से बढ़ते और न फूलते फलते हैं । इसका कारण यह है कि पौधों का काफी प्रकाश और धूप नहीं मिलती। पेड़ों की गहरी जड़े कुछ दूर तक खेतों में नीचे नीचे पहुँची रहती हैं और पौधे का भोजन खींच लेती हैं । इस अवस्था में यदि पेड़ काट डाले जायँ ते समीप के खेत का लाभ होगा। पर यदि किसी कारण से पेड़ न काटे जा सके । उनका साया निवारण करने के लिये यह रीति ग्रहण कर सकते हैं।

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